4:54 AM | Friday, March 31, 2023
krutidev mangal
Text Converter

रीसेंट आर्टिकल्स

राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से सटे सिद्धबली स्टोन क्रेशर को तत्काल बंद करने के निर्देश

Nainital News, 02 जनवरी (वार्ता) : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कथित रूप से राजाजी नेशनल पार्क के ईको सेंसटिव जोन में संचालित हो रहे सिद्धबली स्टोन क्रेशर के मामले में सोमवार को अहम निर्णय जारी करते हुए स्टोन क्रेशर को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को इस प्रकरण में तीन महीने में जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने को भी कहा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने कोटद्वार के सिगड्डी निवासी देवेन्द्र सिंह अधिकारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज निर्णय जारी किया।

Nainital News

पीठ ने पिछले साल 30 अगस्त को अंतिम सुनवाई के बाद इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सही मानते हुए याचिका को स्वीकार कर लिया और राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को मामले की जांच कर तीन महीने में आवश्यक कदम उठाने को कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि पीठ ने तत्काल प्रभाव से स्टोन क्रेशर को बंद करने के निर्णय भी जारी कर दिये हैं। अदालत ने सरकार की ओर से स्टोन क्रेशरों के लाइसेंस जारी करने के मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की सहमति नहीं लेने को भी गंभीर माना और अपने निर्णय में कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के मामले में पीसीबी शीर्ष संस्था है और उसको नजरअंदाज करना गलत है। पीठ ने संकेत दिया कि पीसीबी की अनुमति के बगैर संचालित होने वाले स्टोन क्रेशरों के संबंध में अदालत गंभीर कदम उठा सकती है।

- Advertisement -

सुनवाई के दौरान पीसीबी की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार स्टोन क्रेशर को लाइसेंस जारी करने से पहले पीसीबी की सहमति नहीं लेती है। पीसीबी की ओर से यह भी कहा गया था कि प्रथम दृष्टया सिद्धबली स्टोन क्रेशर आरटीआर के ईको सेंसटिव जोन में स्थापित है। श्री मैनाली ने आगे कहा कि पीठ ने बोर्ड से पूछा है कि ईको सेंसटिव जोन में स्टोन क्रेशर संचालित हो सकता है या नहीं? उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता की ओर से 2020 में एक जनहित याचिका के माध्यम से इस मामले को चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि राजाजी नेशनल पार्क से सटे क्षेत्र में मानकों के विपरीत स्टोन क्रेशर संचालित किया जा रहा है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन का भी उल्लंघन किया गया है। इस मामले में कई दिनों तक चली मैराथन सुनवाई के बाद पीठ ने अगस्त अंत में निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

यह भी पढ़ें : संदीप सिंह इस्तीफा दें या मुख्यमंत्री पद से हटाएं: बीर दविंदर सिंह

- Advertisement -

रिलेटेड आर्टिकल्स

Latest Posts

जरुर पढ़ें

सतना में दुष्कर्मी के मकान को गिराया गया

 सतना 02 दिसंबर (वार्ता) : मध्यप्रदेश के सतना जिले में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या करने के...

मणिपुर में अमित शाह ने पोलो खिलाड़ी की 120 फुट ऊंची प्रतिमा का किया उद्घाटन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के मर्जिंग पोलो कॉम्प्लेक्स में एक पोलो खिलाड़ी की 120 फुट...

यूक्रेन ने खारिज किया इजराइल का प्रस्ताव

यरूशलम, 01 जनवरी (वार्ता)- यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमिर ज़ेलेंस्की ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के फिलिस्तीनी क्षेत्रों के कब्जे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा...

उत्तराखंड में तीन दिन बाद मिला नदी में डूबे युवक का शव

देहरादून/उत्तरकाशी 02 जनवरी (वार्ता)- उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी में शनिवार रात गहरी खाई के नीचे बहती नदी में गिरे एक युवक का शव सोमवार...

आंगनवाड़ी सेटरों में आठ जनवरी तक की छुट्टियाँ: डॉ. बलजीत कौर

Anganwadi Centers, चंडीगढ़,02 जनवरी (वार्ता):  पंजाब सरकार ने राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ने के कारण सभी आंगनवाड़ी सेंटरों में आठ जनवरी तक सर्दियों...

संपर्क में रहे

सभी नवीनतम समाचारों, ऑफ़र और विशेष घोषणाओं से अपडेट रहने के लिए।

सबसे लोकप्रिय